Red Planet: 58 साल के बाद पहुंचा यह स्पेसक्राफ्ट मंगल ग्रह पर, खोले इस लाल गृह के कई राज

Red Planet Day
Red Planet: दुनियाभर में कई देश इस बात की खोज करने में लगे हुए कि हमारी पृथ्वी के बाहर भी क्या जीवन होने की संभावनाएं हैं | इसके लिए वैज्ञानिकों ने अब तक सबसे ज्यादा जिसे टटोला है वो है मंगल गृह | इसी से जुड़ी एक जानकारी सामने आयी है जिसमे पता चला है कि साल 1964 में भेजा गया एक स्पेसक्राफ्ट कल यानिकि 28 नवंबर को पहुँच गया है | और दावा किया जा रहा है कि यह स्पेसक्राफ्ट सबसे पहला स्पेसक्राफ्ट है जो मंगल पर पहुंचा है | इस स्पेसक्राफ्ट का नाम मेरिनर 4 (Mariner 4) बताया जा रहा है | इस मिशन को याद करते हुए इसे हर वर्ष रेड प्लैनेट डे के रूप में मनाया जाता आ रहा है | इस रेड प्लैनेट डे के ख़ास अवसर पर हम आपको मंगल से जुड़ी कुछ ऐसी खास बातें बताने जा रहे हैं जिसे सुनकर आप हैरान रह जायेंगे |

1965 में भेजा गया स्पेसक्राफ्ट अब पहुंचा मंगल पर
हमारी पृथ्वी के बाद सौरमंडल में अपना स्थान रखने वाला गृह मंगल ग्रह ही है | इसे सौरमंडल का ऐसा ग्रह माना जाता है जोकि अपने में कई खूबियों को समेटे हुए है | अगर बात करें मेरिनर 4 स्पेसक्राफ्ट की तो आपको बता दें कि इस स्पेसक्राफ्ट को मुख्यत मंगल ग्रह का चक्कर लगाने और उससे जुड़ा डेटा को पृथ्वी पर भेजने के लिए लॉन्च किया था | बता दें कि 8 महीने का सफर करने के बाद 14 जुलाई 1965 को इस स्पेसक्राफ्ट ने लाल ग्रह का एक फ्लाई-बाय पूरा कर लिया था | मंगल गृह पर कार्बन डाइऑक्साइड से बना एक पतला वातावरण मौजूद है | बावजूद इसके पृथ्वी से कुछ विशेषताएं मिलने की वजह से वैज्ञानिक इसमें खोजों के लिए रुचि रखते हैं |
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मंगल के चौकाने वाले तथ्य
आपको बता दें कि हमारे सौरमंडल में अबतक खोजे गए सबसे ऊंचे पर्वतों में एक मंगल ग्रह पर मौजूद है जिसे इस सौरमंडल का सबसे ऊँचा पर्वत माना जाता है | इस पर्वत का नाम ओलंपस मॉन्स (Olympus Mons) है | इस विशाल पर्वत की लम्बाई 25 किमी और इसका व्यास 600 किमी के करीब है | वैज्ञानिकों ने इस पर्वत पर कई ज्वालामुखी होने की पुष्टि की है जिनके अभी भी एक्टिव होने की संभावनाए हैं | मंगल ग्रह का व्यास पृथ्वी के व्यास का लगभग आधा ही है, लेकिन इसकी सतह का क्षेत्रफल पृथ्वी की शुष्क भूमि के बराबर है जोकि एक दिलचस्ब बात है | इस ग्रह में जो गुरुत्वाकर्षण बल मौजूद है वो पृथ्वी का सिर्फ 37 फीसदी ही है | जिस वजह से आप यहां लगभग 3 गुना ऊंची छलांग लगा सकते हैं | इसके अलावा मंगल के दक्षिणी ध्रुव के नीचे तरल पानी होने के सबूत मिले हैं जो बताता है कि लगभग 4 अरब साल पहले तक यहां जीवन हो सकता है |